Monday, December 22, 2014

उम्मीद

हाल में अफ्रीका के दौरे पर ली पिक्चर

उम्मीद 

जहां तक नजर जाती है
जीवन में सिर्फ रिक्तता नजर आती है
सुनहरी धूप में जैसे भरा हो कालापन
गुनगुनाती हवाओं में जैसे तैरता हो सूनापन  
दूर तक फैला ये रेत का समंदर 
जमीं के किनारो से उभरते लम्हों को टटोलती नजर 
पता नही क्षितिज के उस पार क्या छिपा है 
शायद आने वाला कल आज से बेहतर होगा 
बस मेरा संसार इसी उम्मीद पर टिका है  

Tuesday, May 27, 2014

अमावस की रात

तुमने कोई वादा नहीं तोड़ा
क्योंकि तुमने कभी कोई वादा किया ही नहीं था
वो तो मेरी नादानी थी
जो तुम्हे अपने इतना नजदीक समझ लिया था
मैं भूल गया था कि
चादंनी सिर्फ कुछ दिनों को होती है
पूनम की रात के बाद अमावस फिर लौट आती है
चांद को अपना समझ लेने से
चांद जमीं पर तो नहीं उतर आता
सपनों की नींव पर बना घरौंदा
कभी सच तो नहीं हो जाता
तुमने भी वही किया
जो  दुनिया ने किया था
तुमने भी वही दिया
जो दुनिया ने दिया था
बिना कुछ कहे बस चुपचाप चली गयी
लेकर चांदनी अपने साथ
और अमावस की रात फिर से लौट आई
पूनम की रात के बाद